What is SEO in HindiSEO kya hai? Aaj mai Aap ko Search Engine Optimization (SEO) ke baare mein bataunga aur ye bhi janenge ke ye apki web sites or Blogs ke liye kyu jaruri hai.
SEO क्या है  (What is SEO in Hindi) और कैसे करे ये सवाल अक्सर बहुत से नए Bloggers को बहुत परेशान करता है. आज के इस digital युग में अगर आपको लोगों के सामने आना है तब Online ही वो एकमात्र जरिया है जहाँ आप एक साथ करोड़ों लोगों के सामने उपस्तिथ हो सकते हैं. अपने contents के द्वारा लोगों तक अपनी बात पंहुचा सकते हैं. लेकिन ऐसा करने के लिए आपको search engines के first pages में आना होगा जिन्हें visitors ज्यादा पसंद करते हैं और in pages pe trust भी करते हैं. लेकिन यहाँ तक पहुँचना आसान काम नहीं है क्यूंकि इसके लिए आपको अपने Articles का SEO करना होगा. मतलब की उन्हें सही तरीके से Optimized करना होगा जिससे वो Search Engine में First page pe rank हो सके. और इसकी प्रक्रिया को ही SEO कहते हैं.
एक बात का जरुर ध्यान दें की यदि कोई आपसे कहे की वो एक बड़ा SEO Expert है तब उसे कभी यकीन न करें क्यूंकि आज तक कोई भी SEO पर mastery नहीं कर पाया है. ये चीज़ ही ऐसी है और समय के साथ साथ और जरुरत के हिसाब से ये बदलता रहता है. लेकिन फिर भी SEO के कुछ Fundamentals हैं जो की हमेशा समान होते हैं. इसलिए ये जरुरी है की Bloggers हमेशा खुदको नए SEO techniques से updated रहें. इससे आपको market में चल रहे trends के बारे में पता होगी जिससे आप भी अपने articles में जरुरी बदलाव ला सकते हैं जो की बाद में आपको rank करने में मदद करेंगी.

What is SEO in Hindi – SEO क्या है?

SEO (Search Engine Optimization). Search engine क्या है ये सभी को पता है. Google पूरी दुनिया का सबसे jyada use liya jane wala or popular search engine है इसके अलावा Ask, Bing, Yahoo जैसे और भी search engine मौजूद है. SEO ki मदद से हम अपने blogs or websites को सभी search engine पर first page pe rank kara सकते हैं.
SEO हमारे blog को Google में No.1 rank पर लाने के लिए सहायता करता है. ये एक तकनीक है जो आपके website को search engine के search result पर सबसे ऊपर रख उसमे visitors की संख्या को बढाती है. आपका website search result में सबसे ऊपर हो तो internet user सबसे पहले आपके site में ही visit करेंगे जिससे आपके site में ज्यादा से ज्यादा traffic होने की संभावना बढ़ जाती है. अपने website पे Organic traffic बढ़ाने के लिए SEO का इस्तेमाल करना बहुत जरुरी है.
हम Google में जाकर कुछ भी keyword type कर search करते हैं तो उस keyword से related जितने भी contents होते हैं वो आपको Google दिखा देता है. ये contents जो हमे नज़र आते हैं वो सभी अलग अलग blogs or wesites से आते हैं. जो result हमे सबसे ऊपर दिखाई देता है वो Google में No.1 rank पर है तभी वो सबसे ऊपर अपनी जगह बनाये रखा है. मतलब की उस blog or website में SEO का बहुत अच्छी तरीके से इस्तेमाल किया गया है जिससे की ज्यादा visitors आते है.


Jaipur: आपका मोबाइल नंबर जल्द ही बदलने वाला है. सरकार इसकी तैयारी कर रही है. अब मोबाइल नंबर 10 अंकों का नहीं बल्कि 13 अंकों के साथ आएंगे. 1 जुलाई 2018 के बाद नया नंबर लेने पर 13 अंकों को मोबाइल नंबर मिलेगा. केंद्रीय संचार मंत्रालय ने सभी राज्यों को इस संबध में निर्देश जारी कर दिए हैं. बीएसएनएल ने भी इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं. अधिकृत सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में इस संबध में निर्णय लिया गया है. 
इसलिए बंद होगी दस नंबरों की सीरीज
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कहा गया कि 10 अंकों के लेवल में अब नए मोबाइल नंबरों की गुंजाइश नहीं बची है. इसी कारण 10 से अधिक अंकों की सीरीज शुरू की जाए और बाद में सभी मोबाइल नंबरों को 13 अंकों का कर दिया जाए.

सिस्टम अपडेट करने को कहा
मोबाइल नंबर की नई सीरीज आने से सभी सेवाप्रदाता कंपनियों को अपना सिस्टम अपडेट करना होगा. इस संबंध में सभी सर्कल की दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों को आदेश जारी कर दिया गया है. बीएसएनएल के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, दिसंबर 2018 तक पुराने मोबाइल नंबर भी इसी प्रक्रिया के तहत अपडेट होंगे.

वर्तमान नंबर कैसे बदलेंगे, प्रक्रिया तय नहीं
सूत्रों के अनुसार वर्तमान में चल रहे 10 अंकों के मोबाइल नंबरों को अक्टूबर से 13 अंकों के अनुसार अपडेट करना शुरू किया जाएगा. यह काम 31 दिसंबर तक पूरा करना होगा. हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि वर्तमान में चल रहे मोबाइल नंबरों में बदलाव कैसे होगा. नंबरों में 3 डिजिट आगे की तरफ से जुड़ेंगे या अंत में.

मोबाइल के सॉफ्टवेयर भी होंगे अपडेट
सूत्रों ने यह भी बताया कि इस संबध में मोबाइल हैंडसेट बनाने वाली कंपनियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने सॉफ्टवेयर को भी 13 अंकों के मोबाइल नंबर के अनुसार अपडेट कर लें, ताकि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो.


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नई दिल्ली : बीएसएनएल (BSNL) ने प्रीपेड यूजर्स के लिए नया और सस्ता प्लान लॉन्च किया है. जब से बाजार में रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने एंट्री की है, तब से टेलीकॉम कंपनियों के बीच प्राइस वार चल रही है और सस्ते प्लान लॉन्च कर रही हैं. इससे पहले भी जियो को चुनौती देने के लिए बीएसएनएल ने कई सस्ते प्लान लेकर आ चुका है. अब नए टैरिफ वाउचर के तहत बीएसएनएल की तरफ से अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और नेशनल रोमिंग की सुविधा दी जा रही है. बीएसएनएल की तरफ से आने वाले प्लान में 26 दिन की वेलिडिटी है.
99 और 319 रुपये के प्लान
नेशनल रोमिंग के तहत मिलने वाली सुविधा आपको दिल्ली और मुंबई में नहीं मिलेगी. इस प्लान में कंपनी की तरफ से पर्सनलाइज्ड रिंग बैक टोन की भी सुविधा है. इन सभी सुविधाओं का फायदा आप बीएसएनएल के 99 रुपये वाले प्लान में ले सकते हैं. इसके अलावा बीएसएनएल ने 319 रुपये का वाउचर भी पेश किया है. इस प्लान में भी अधिकतर फायदे 99 रुपये वाले प्लान जैसे ही हैं. लेकिन इस प्लान की वेलिडिटी 90 दिन की है. हालांकि इस प्लान में पर्सनलाइज्ड रिंग बैक टोन का फायदा नहीं मिलेगा.

मैक्समम प्लान में एक साल तक डाटा
कंपनी की तरफ से नए प्लान के बारे में कहा गया कि ये स्पेशल टैरिफ वाउचर सिर्फ वाउचर कॉल के लिए हैं. 99 रुपये और 319 रुपये का रीचार्ज कराने पर आपको अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा मिलेगी. हालांकि, इसमें आपको इंटरनेट डाटा का कोई फायदा नहीं होगा. इससे पहले भी बीएसएनएल (BSNL) ने किफायती कीमत वाला 'मैक्समम प्लान' लॉन्च किया था. मैक्समम प्लान प्लान में BSNL के प्रीपेड ग्राहकों को 999 रुपये के रीचार्ज में 365 दिन की वेलिडिटी के साथ 1 GB डाटा प्रतिदिन मिलता है.

40 केबीपीएस की स्पीड रह जाएगी
इसके अलावा मैक्समम प्लान में ग्राहक को 181 दिन तक अनलिमिटेड लोकल और एसटीडी कॉल का फायदा भी मिलेगा. बीएसएनएल का मैक्समम प्लान जम्मू कश्मीर और असम को छोड़कर सभी सर्कल के लिए लागू है. बीएसएनएल के नए प्लान में अनलिमिटेड डाटा के साथ एसएमएस मैसेज भी दिए जा रहे हैं. एक साल की वेलिडिटी वाले इस प्लान में रोजाना 1 GB डाटा लिमिट खत्म होने के बाद स्पीड कम हो जाएगी. यदि आप एक दिन में 1 GB डाटा को यूज कर लेते हैं तो यह स्पीड 40 केबीपीएस की रह जाएगी.

181 दिन के बाद होगा बदलाव
बीएसएनएल के इस प्लान में 181 दिन तक अनलिमिटेड कॉलिंग के साथ डाटा और मैसेज के लाभ मिलते हैं. 181 दिन के बाद इसमें कुछ बदलाव होते हैं. इसमें आपको डाटा का लाभ पूरे एक साल तक मिलेगा. वहीं यदि वॉयस कॉलिंग की बात करें तो सभी लोकल, एसटीडी और रोमिंग कॉल का लाभ (दिल्ली और मुंबई को छोड़कर सभी सर्कल में) मिलेगा. दिल्ली और मुंबई के लिए वॉयस कॉल 60 पैसे प्रति मिनट की दर से चार्ज की जाएगी.

रोमिंग कॉल के लिए 60 पैसे प्रति मिनट
यह टैरिफ 181 दिन के बाद बदल जाता है. फिर इसके जरिए होम व रोमिंग कॉल 60 पैसे प्रति मिनट की दर्ज से चार्ज की जाने लगेंगी. शुरू के 181 दिन बीएसएनएल के प्रीपेड यूजर को जहां 100 एसएमएस प्रतिदिन मिलेंगे. बाद में इसके लिए 25 पैसे प्रति लोकल एसएमएस और 35 पैसे प्रति नेशनल एसएमएस चार्ज लिया जाएगा. बीएसएनएल का यह 999 रुपये वाला प्लान जियो और एयरटेल जैसा ही है.


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नई दिल्ली : पंजाब नैशनल बैंक में फर्जीवाड़े की खबरों से देश में सनसनी मची हुई है। इसी बीच रोटोमैक कलम बनाने वाली कंपनी ग्लोबल प्राइवेट लि. के मालिक विक्रम कोठारी से जुड़ी खबरें मेनस्ट्रीम मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया पर छाने लगीं कि वह बैंकों का 800 करोड़ रुपये लेकर देश छोड़ चुके हैं। हालांकि, वह अभी सीबीआई की हिरासत में हैं। साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय ने भी पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

आइए जानते हैं, क्या है विक्रम कोठारी का पूरा मामला...

1. रोटोमैक कंपनी को पांच बैंकों- इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ने लोन दिया था। कहा जाता है कि इन बैंकों ने शर्तों से समझौता कर लोन पास किया था। 

2. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुंबई शाखा से 485 करोड़ रुपये जबकि इलाहाबाद बैंक की कोलकाता शाखा से 352 करोड़ रुपये लोन लिया था। इनके अलावा, उन्होंने बाकी बैंकों से भी लोन लिए थे। 

3. एक साल बाद भी रोटोमैक कंपनी ने इन बैंकों का कथित तौर पर न लोन की रकम लौटाई और न ही ब्याज दिया। ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के मुताबिक एक ऑथराइज्ड कमिटी गठित की गई। 

4. इस कमिटी ने 27 फरवरी 2017 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. को विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकानेवाला) घोषित कर दिया। कमिटी ने खासकर बैंक ऑफ बड़ौदा की पहल पर यह आदेश पारित किया था। 

5. 13 अप्रैल 2017 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को उसकी उन संपत्तियों या किस्तों का ब्योरा पेश करने का निर्देश दिया जिनका बैंक ऑफ बड़ौदा को भुगतान किया गया है। 

6. कंपनी ने दलील दी कि रोटोमैक द्वारा चूक की तिथि के बाद से इस बैंक को 300 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियों की पेशकश किए जाने के बावजूद बैंक ऑफ बड़ौदा ने उसे इरादतन चूककर्ता घोषित कर दिया। 

7. बैंक की ओर से पेश हुईं वकील अर्चना सिंह ने कहा था कि कंपनी को अपने बकाए का निपटान करने के लिए 550 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि कंपनी के निदेशक लोन रीपेमेंट से बचने के लिए दूसरी कंपनियों में पैसा लगा रहे हैं। 

8. कानपुर में माल रोड के सिटी सेंटर स्थित रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. के ऑफिस पर पिछले कई दिनों से ताला जड़ा मिला तो विक्रम कोठारी के देश से भागने की खबरें आने लगीं। 

9. इन खबरों से घबराकर कोठारी रविवार को सामने आए और कहा कि वह कानपुर में ही हैं। उन्होंने कहा, 'बैंकों ने मेरी कंपनी को नॉन-परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) घोषित किया है, न कि डिफॉल्टर। मामला अब भी नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में है। मैंने लोन लिया है और इसे जल्द वापस करूंगा।' 

10. सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी समेत कुछ अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। थोड़ी देर बाद ही उन्हें हिरासत में लिए जाने की खबर आ गई। उधर, ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया। 

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पंजाब नेशनल बैंक में हुए 114 अरब के महाघोटाले के बाद  इसकी भरपाई करने में सभी बैंकों और सरकार की कमर टूट जाएगी।अगर सरकार और बैंक आपकी जमा रकम से इस घोटाले की भरपाई करती है तो फिर एक लाख रुपये से ज्यादा की रकम को आपको भूलना होगा। ऐसा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से बनाए गए नियमों के अनुसार है। 


यह है आरबीआई का नियम
आरबीआई की तरफ से जमाकर्ताओं को उनके जमा धन पर मिलने वाले इन्श्योरेंस कवर पर कुछ नियम बनाए हैं। डिपॉजिट इन्श्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) के नाम से बने इन नियमों के अनुसार बैंकों में आपके द्वारा जमा किए गए रकम में से केवल 1 लाख रुपये का इन्श्योरेंस कवर है। यह कवर सभी तरह के खातों पर लागू है। हम आपको RBI की वेबसाइट पर लिखे नियम को भी यहां दे रहे हैं। 

What is the maximum deposit amount insured by the DICGC?
Each depositor in a bank is insured upto a maximum of Rs.1,00,000 (Rupees One Lakh) for both principal and interest amount held by him in the same capacity and same right as on the date of liquidation/cancellation of bank's licence or the date on which the scheme of amalgamation/merger/reconstruction comes into force.

मौजूदा समय में बैंक में रखी आपकी कुल रकम में से सिर्फ 1 लाख रुपये सुरक्षित होते हैं। इसका मतलब यह है कि कभी अगर कोई बैंक दिवालिया होता है, तो लाखों रुपये की आपकी बचत में से सिर्फ 1 लाख रुपये की डिपॉजिट सुरक्षित रहेगी। इससे ज्‍यादा जितनी भी राशि होगी वह रकम डूब जाएगी।


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Jaipur: क्या आप या आपके किसी परिचित के सिर के बाल समय से पहले ही सफेद हो गए हैं? क्या कम उम्र में ही बुढ़ापे के लक्षण दिख रहे हैं? क्या उनकी हड्डियों में विकृति आ रही है या वह टेढ़ी हो रही हैं? अगर इन प्रश्नों में से किसी का भी जवाब हां में है तो आप इसकी वजह जरूर जानना चाहेंगे।
आपके जानने वाले, परिचित, रिश्तेदार और यहां तक कि आस-पड़ोस के लोग भी आपको कई तरह के सुझाव देंगे। कई लोग इसका कारण बताते हुए ऐसे-ऐसे उपाय बताएंगे जो शायद आप कर भी न पाएं। एक कारण हम आपको बता रहे हैं। हो सकता है यही वह कारण हो जिसने आपकी रातों की नींद उड़ा रखी हो। हम यहां आपको इस तरह की परेशानियों से बचने के उपाय भी बताएंगे।
पानी है आपकी समस्याओं की जड़
संभवत: आपकी समस्याओं की जड़ वह पानी ही है, जिसे आप पीते हैं। जिससे आप खाना पकाते हैं और अपनी रोजमर्रा की जिंदगी की हर जरूरत में इस्तेमाल करते हैं। हो सकता है पानी के बारे में भी आपको किसी ने कहा हो, लेकिन यहां हम आपको उदाहरण सहित बता रहे हैं कि कौन सा पानी आपको ऐसी बीमारियां दे रहा है और आप इससे कैसे बच सकते हैं।
बुढ़ापा बांट रहा डीप बोरिंग का पानी

शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी पानी की सप्लाई में खामियों के चलते हम और आप जमीन में डीप बोरिंग करके जहां भू-गर्भ जल स्तर को प्रभावित कर रहे हैं, वहीं अब इससे समय से पहले बुढ़ापा भी आ रहा है। टीएमबीयू पीजी भूगोल विभाग के हालिया शोध में यह बात सामने आई है।
बिहार में भागलपुर शहर के पांच अलग-अलग क्षेत्रों में हुए एक शोध के बाद जो तथ्य एकत्रित किए गए हैं, वह चौंकाने वाले हैं। 150 फीट से नीचे पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होती है। इससे दांत पीले होने के साथ-साथ हड्डियों में ढेढ़ापन जैसी बीमारी बढ़ रही और लोग जल्द बुढ़ापे के शिकार हो रहे हैं.
क्यों बढ़ रहा है खतरा
शोधकर्ता डॉ. एसएन पांडेय ने बताया कि भागलपुर के शहरी क्षेत्र के भूगर्भ में रूपांतरित चट्टानें हैं जो नाइस कहलाती हैं। नाइस जमीन के नीचे काफी गहराई तक फैली हैं, जिसके काले हिस्से में फ्लोराइड रहता है। जिस भूगर्भ जल का उपयोग हमलोग रोजमर्रा के कार्यों के लिए करते हैं, वह भी वर्षा जल ही है। वर्षा जल भूगर्भ में 150 फीट की गहराई तक पहुंचता है। यह भूगर्भ में फ्लोराइड के प्रभाव को कम या संतुलित करता है। यही वजह है कि इतनी गहराई वाले जल से बीमारी का खतरा नहीं रहता है।
टीएमबीयू में भूगोल विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन पांडेय कहते हैं, फ्लोराइड की अधिक मात्रा मानव शरीर में जाने से हड्डियों में टेढ़ापन आता है। इस वजह से 35-40 के महिला-पुरुष भी 75-80 वर्ष के वृद्ध की तरह झुककर चलते हैं। दांत में पीलापन, थायरॉयड, आंख, कान और लीवर पर भी प्रभाव पड़ता है।
बता दें कि 200 फीट गहरे बोरिंग के पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होती है। यहां आपके लिए यह जानना भी जरूरी है कि मानक से अधिक फ्लोराइडयुक्त पानी के सेवन से हड्डियों में विकृति आती है।
क्या करें?
अगर आपको लगता है कि इतनी गहराई से पानी निकालने के बाद आप उसे गर्म करके पीने के लिए सुरक्षित बना सकते हैं तो यह आपका भ्रम है। इस विषय पर दैनिक खबरे ने हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. केके अग्रवाल से बात की। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पहले तो इतनी गहराई पर बोरिंग करनी ही नहीं चाहिए। इसके बावजूद भी अगर आप इतनी गहराई तक बोरिंग करके पीने के लिए पानी निकाल रहे हैं तो आरओ के जरिए ही आप उसे पीने योग्य बना सकते हैं। उनके अनुसार उबालकर पानी से फ्लोराइड के नुकसान को कम नहीं किया जा सकता है। यही उन्होंने बताया कि विभिन्न शहरों के जल बोर्ड का पानी पीने के लिए सुरक्षित होता है, क्योंकि वह कई परिक्षणों के बाद आम जनता को सप्लाई किया जाता है।
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Jaipur: आपके फोन की एसएमएस वाली घंटी बजती है। मेसेज किसी स्टॉक ब्रोकर का होता है। उसमें बताया जाता है कि टॉप फंड्स और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस एक नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनी के शेयरों में जमकर पैसा लगा रहे हैं। शेयर नाटकीय तरीके से 3-4 रुपये के लेवल से बढ़ता हुआ 13 रुपये पर आ गया है। ब्रोकर का दावा है कि शेयर यहां से बस ऊपर ही जाएगा। जबरदस्त रिटर्न हासिल होने का यह सपना जमकर बेचा जा रहा है, जबकि असलियत यह है कि विजी फाइनैंस का शेयर 25 जनवरी के एसएमएस टिप्स के बाद 40% से ज्यादा गिर चुका है।

जिन लोगों के पास डीमैट अकाउंट होता है और जो शेयरों की खरीद-फरोख्त करते रहते हैं, उनको ऐसे SMS आते रहते हैं। हमने पिछले 8-9 महीनों में एसएमएस के जरिए मिले ऐसे 15 स्टॉक टिप्स की पड़ताल की है। इनमें से ज्यादातर शेयर तब से 50-60% टूट चुके हैं, जबकि कुछ तो धराशायी हो चुके हैं। शर्तिया तौर पर जोरदार रिटर्न वाले विजी फाइनैंस के शेयरों का चारा लपकने वाले तो थोड़े खुशकिस्मत हैं। टिप्स आने के बाद यह सिर्फ 40% गिरा है जबकि ई-डायनेमिक्स सलूशंस और स्टील एक्सचेंज ऑफ इंडिया का शेयर तो SMS टिप्स के बाद से 75% से भी ज्यादा गिर चुका है। 

ये शेयर तब मुंह के बल गिरे जब स्टॉक मार्केट तेजी के रथ पर सवार था। बजट के बाद हुए करेक्शन के बावजूद निफ्टी और सेंसेक्स जून जुलाई 2017 के लेवल से 10-12% ऊपर है। प्लेन इंडेक्स फंड में तब लगाए 100 रुपये पर निवेशकों को अब 110 रुपये से 112 रुपये तक मिल रहे हैं जबकि SMS टिप्स वाले शेयर 60-70% तक टूट चुके हैं। बकफास्ट फाइनैंशल अडवाइजरी सर्विसेज के को-प्रमोटर विजय मंत्री ने कहा, 'जिन निवेशकों को ऐसी टिप्स पर नुकसान हुआ है, उन्हें म्यूचुअल फंड में शिफ्ट हो जाना चाहिए। जंक स्टॉक में फंसे रहने के बजाय यहां आने से कुछ नुकसान की भरपाई जरूर हो जाएगी।' 

इस तरह के टिप्स शेयरों में जोड़तोड़ करने वाले ब्रोकर्स और ऑपरेटर्स के गिरोह की तरफ से आते हैं। ये लोग पहले अरसे से बिना सुगबुगाहट पड़े रहे शेयरों के दाम चढ़ाते हैं, फिर रिटेल निवेशकों को जोरदार रिटर्न का झांसा देकर ऊंचे दाम पर खरीदारी के लिए लुभाते हैं। इसका जाल बहुत बड़ा होता है। ऑपरेटरों का गिरोह स्टॉक ब्रोकर्स और ट्रेडिंग पोर्टल से क्लाइंट्स के कॉन्टैक्ट डीटेल हासिल करता है और SMS, सोशल मीडिया के जरिए टिप्स की बौछार कर देता है। 

इनकी तरफ से भेजे गए 10,000 SMS पर 5 पर्सेंट लोग भी चारा लपक कर पैसा लगा देते हैं तो उनके पास 500 निवेशक हो जाते हैं जिनसे खूब माल बना सकते हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि कई बार इसके चक्कर में माहिर निवेशक भी फंस जाते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि शेयरों से पैसा बनाने को लेकर गंभीर निवेशक SMS टिप्स को नजरअंदाज करते हैं क्योंकि जंक स्टॉक के मुकाबले भले ही कई गुना महंगे ब्लूचिप हर हाल में बेहतर होते हैं। 

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नई दिल्ली: पीएनबी धोखाधड़ी के बाद सबके मन में यह सवाल घूम रहा है कि कहीं बैंक में जमा उनकी रकम हमेशा के लिए डूब तो नहीं जाएगी। पिछले दिनों अफवाह उड़ी थी कि ऐसा नियम बनने जा रहा है जिससे बैंकों में जमा आम आदमी के रकम की गारंटी सरकार की नहीं होगी। जाहिर है, लोग काफी डर गए थे, लेकिन सरकार के खंडन के बाद लोग थोड़ा निश्चिंत हुए हैं। अब पीएनबी धोखाधड़ी के बाद लोगों को एक बार फिर डर सता रहा है कि धोखाधड़ी की वजह से अगर बैंक डूब जाए तो खून-पसीने के कमाए उसके पैसे की गारंटी कौन लेगा।

एक लाख तक की चिंता नहीं 

बैंकिंग मामलों के जानकार मनीष शाह कहते है,'बैंक में जमा 1 लाख रुपये तक की रकम इंश्योर्ड है। इसके अलावा जो पैसा है, वह किसी भी लॉ के तहत गारंटीड नहीं है। वैसे, आमतौर पर बैंकों में जमा लोगों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित माना जाता है क्योंकि कोई भी सरकार और रिजर्व बैंक किसी भी बैंक को फेल होने नहीं देती। आमतौर पर मजबूत बैंक भी कमजोर बैंक को सहारा दे देता है।' 

मार्केट के जानकार एस. पी. तुलसियान कहते हैं,'भले ही कोई बैंक कितना भी छोटा क्यों न हो, उसमें जमा आपके पैसे की सुरक्षा करने के लिए सरकार होती है। कोई भी सरकार किसी बैंक को फेल नहीं होने देती क्योंकि बैंक के फेल होने की राजनीतिक कीमत बहुत ज्यादा है।' 

नए बिल का फेर 

वर्तमान में डिपॉजिटर्स इंश्योरेंस स्कीम, जिसके अंतर्गत 1 लाख रुपये तक आपका पैसा बैंक में सुरक्षित है, उसके तहत सभी बैंक, कमर्शल, रीजनल, रूरल को-ऑपरेटिव बैंक आते हैं। प्रस्तावित एफआरडीआई बिल सुझाता है कि बेल-इन-प्रविजन में बहुत जरूरत होने पर बैंक अपनी लायबिलिटी का कैंसलेशन करता है तो इस हद में बैंक डिपॉजिटर्स का पैसा भी आ सकता है। लेकिन इस पर विवाद के कारण इसको अभी रिव्यू के लिए भेज दिया गया है

वर्तमान बिल की जगह अगर नया बिल आता है तो यह कितना सुरक्षित होगा? 

वर्तमान बिल की जगह अगर यह नया बिल आकर लेता है तो यह कितना सुरक्षित होगा? इसके जवाब में फिनसेक लॉ अडवाईजर्स के मैनेजिंग पार्टनर कहते हैं, 'वर्तमान इंश्योरेंस स्कीम नए बिल में समाहित होगी और 1 लाख रुपए का डिपॉजिट इंश्योरेंस डिपॉजिट जारी रहेगा। जहां तक बाकी डिपाजिट का सवाल है तो वह भी सुरक्षित माना जाना चाहिए क्योंकि किसी भी कमर्शल बैंक को पिछले 70 साल में बर्बाद नहीं होने दिया गया है। यही सॉवरिन गारंटी नए बिल की आत्मा में भी है। 

आखिर नए प्रपोज्ड बिल में ऐसा किया गया है जिसे लेकर इतनी चिंता है। सूत्रों के अनुसार जैसे ही कोई फाइनैंशल सर्विस कंपनी, जिसमें बैंक भी हैं, क्रिटिकल कैटिगरी में आएगी, उसका प्लान तैयार किया जाएगा। इसके तहत बैंक की लायबिलिटी को कैंसल करने जैसे स्टेप्स भी शामिल हैं। इस बेल-इन-क्लॉज में डिपॉजिटर्स का पैसा भी जद में आ सकता है। वैसे कस्टमर्स का पैसा 5वें नंबर की लायबलिटी है और ऐसा होना संभव नहीं लेकिन लोगों की चिंता को देखकर इसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। 

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